Saturday, November 13, 2010

sabrmati ka saint

प्रिय दोस्तों "मरे साथ चल" मै आप स्वागत है. आज सुबह घर से निकलते ही बच्चे ने "हैप्पी चिल्ड्रेन डे कहा",मै भी उसका अभिवादन किया और आगे चल दिया ,एकसाथ कई बिचार आये उन मै से एक सबसे प्रवल था साबरमती के सैंट का .
गाँधी जी भारत मै जन्मे थे ओर अफ्रीका मै बिताये प्रारंarभिक आट वर्षो को छोड़कर उनके  जीवन के शेष बर्ष इसी देश मै व्यतीत हुए .वह भारत के अतीत के गौरव,तियाग ओर बलिदान से भरे इतिहास,संस्किति,दर्शन आदि से बहुत प्रभावित थे
 उन्होंने अपने पत्र 'यंग इंडिया" मै लिखा था"मै भारत से उसी प्रकार बंधा हुआ हूँ जिस प्रकार कोई  बालक आपनी माँ की छाती से चिपटा रहता है; कियोकी मै अनुभव करता हूँ कि वह मुझे मेरा आवश्यक आधियातमिक पोषण देता है .
  उस के वातावरण से मुझे अपनी उच्चतम आकंझ्झाओ कि पुकार का उत्तर मिलता है .यदि किसी प्रकार मेरा यह विश्वाश हिल जाये तो मेरी दशा उस अनाथ बच्चे के जैसी होगी जिसे अपना पालक पाने कि आशा ही न रही हो" 
कैसे थे हमारे बापू .किया ऐसे विचार आज के नेताओ के मीलैगे ?दोस्तों यह पंक्तिया "यंग इंडिया " ६-४-१९२१ से
संकिलित की गयी है .अझ्झा चलता हूँ कल फिर मीलैगे इसी जगह "शुभ -दिवश ."  

1 comment:

  1. sab achchha hai likhte raho bhai.... hindi men type nahin kar raha hai aapke page apr isliye is bhasha men hi sweekaren meri tippani..

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