Saturday, March 3, 2012

अण्डों की मार
==============एक खबर :- "अंडों की मार से बचने के लिए छिपे सरकोजी " अरे ये क्या महामहिम आप अंडों से ही डर गये , ये आपने क्या किया ? अपने दुर्भाग्य को आपने गले लगालिया| अरे भारत आकर देखिये ,यहां के नेता किसी मार से नही डरते ,चाहे वो सदन की कुर्सी ,पंखा या माइक या पुलिसिया डंडे की मार हो ,सब कुछ झेलने में माहिर है और इसे अपनी वीरता समझते हैं | और अगर पब्लिक से इनको जूता ,चप्पल , थप्पड़ खाने को मिलजाए तो उसे ये अपना सौभाग्य समझते हैं | भगवान के परसाद से इनको इतनी आनन्द की अनुभूति नहीं होती जितनी जूता ,चप्पल , थप्पड़ खाने में होती हैं | मैं तो यही कहूँगा कि आपने अपना भविष्य ख़राब करलिया ,राजनीति छोड़ दीजिये , इस क्षेत्र में जो डर गया समझो मर गया ,जो झेल गया समझो सात पीड़ियाँ तार लेगया| अगर मेरी बात पर विश्वास ना हो तो भारत आकर लोगों से पूछ लो , बच्चा -बच्चा सारा इतिहास बता देगा |  जब ही तो हम कहते हैं "मेरा देश महान " | जये हिंद ||  

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