Saturday, January 14, 2012

BARF,DHOOP,OR AANKHEN

बर्फ,धूप,और आँखें :-   
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      नमस्कार दोस्तों ,बर्फ की चादर ओढ़े पहाड़ों पर सूरज भी ईद के चाँद जैसा होता है |मुश्किल से नजर आता है , और जब इसका दीदार होता है तो सभी इसको देखने के लिए निकल पड़ते है |बर्फ के पहाड़ की चोटीसे निकलता हुआ सूरज ..... बड़ा ही मनोहारी द्रश्य होता है लेकिन दोस्तों बर्फीले इलाके में धूपखाना अक्लमंदी नहीं |इस से आँखों का नूर छिन सकता है |एक जापानी रिसर्च के मुताबिक बर्फीले इलाके में अल्ट्रावायलेट किरणों का स्तर समुन्द्र तटीय इलाके से ढाई गुना ज्यादा हानिकारक है |
             कनाजावा मेडिकल युनिवर्सटी के वैज्ञानिक उत्तरी जापान स्तिथ इशिकावा प्रिफेक्चर में ताजा गिरी बर्फ पर प्रकाश का परावर्तन परखने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे |इस के लिए उन्होंने यहाँ पर बसे कृतिम तट में अल्ट्रावायलेट किरणों का स्तर भी आंका | शोधकर्ताओं के अनुसार तटीय क्षेत्र में आँखें रोजाना २६० किलोजूल प्रति वर्ग मीटर अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में रहती हैं |जबकि बर्फीले इलाके में यह आकड़ा ६५८ किलोजूल / वर्ग मीटर है |शोधकर्ताओं की मानें तो अल्ट्रावायलेट किरणें त्वचा से ज्यादा आखों के लिए खतरनाक हैं | बर्फीले इलाके में इनसे बचना है तो सनग्लास से बेहतर होगा किआप गागल्स लगायें |
               इन जगहों पर धूप में ज्यादा देर तक रहने से स्नो ब्लाइंडनेस ,मोतियाबिंद , और आँखों में जलन खतरा बड़ जाता है |समुंद्री तट पर अल्ट्रावायलेट किरणों का परावर्तन अमूमन १० से २५ फीसदी के बीचहोता है | वहीं बर्फीले इलाके में यह ८५ फीसदी है |३०० मीटरऊंचाई बढने पर यह स्तर ४ फीसदी तक बड़ जाता है |
                देखा दोस्तों हम तो यही कहेंगे कि सुन्दरता को जी भर के निहारिये पर जरा एतिहात से ....|
    

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