Sunday, March 27, 2011

JAPAN

भूकंप,सुनामी , परमाणु रिसाव और ज्वालामुखी विस्फोट जैसी महात्रास्दियों का सामना कर रहे   जापान की चर्चा  हर तरफ है पर आज मैं आप को एक समुद्री महाकाल के बारे में बता रहा हूँ जो प्रशांत महासागर में जापान के निकट है |एक एसा इलाका जहाँ बड़े -बड़े जहाज पल भर मै गुम हो जाते है ,पानी को छोडिये इस इलाके मै हवा मै भी मौत तैर रही है ,सिर्फ जहाज ही नही हवाई जहाज भी इस इलाके को पार पार नही कर पाते | ये इलाका है प्रशांत महासागर मै जापान के मियाकी द्वीप के पास" ड्रेगन ट्रायंगल " एसा रहस्यमय त्रिकोण ,जिससे कोई बापस नही आया |जो लोग इस के करीब गये उन्होंने अजीब सी घटनाए महसूस की इस इलाके के पास जाते ही उनके  जहाज का  नेविगेशन  सिस्टम काम करना बंद करदेता है | दिशाओं का कुछ पता नहीं चलता ,कई बार उन्हें बिजली जैसी रौशनी  दिखाई  दी ,मौसम में बड़े बदलाव देखे समुद्री तूफान व् उफनते चक्र्बात देखे | छोटे -२ पोत से लेकर  दो लाख टन तक के जहाज इस त्रिभुज मै समागये |इतिहासकारों की माने तो १३वि सदी में मंगोलिया के   राजा कुव्लाई खान ने दो बार जापान पर इस रस्ते से हमला करने की कोशिश की विफल रहा , उसकेचालीस हजार सैनिक इस त्रिभुज की भैट चढ़ गए ,उस वक्त जापान ने इसे कुदरत कीमेहरवानी माना 
सैकड़ों साल बाद भी सैनिकों के गायब होने का रहस्य उसी तरह बरकरार है | १९५२ से ५४ के बीच जापान 
के पांच सैन्य जहाज इस त्रिभुज मैं गायब हो गये थे | इनमे सात सौ से भी ज्यादा सैनिको की जान गयी |इसके बाद 
जापान ने इस इलाके को खतरनाक घोषित कर दिया |
              आखिर क्यों ,गम हो जाते है बड़े बड़े जहाज ?क्या है इस त्रिकोण का रहस्य ?इसका फैलाब कितना है ?ये प्रथ्वी पर जिस जगह बनता है उसमे भी एक हैरान करने बलि बात है| प्रथ्वी के केंद्र से अगर कोई रेखा खिची जाये तो एक तरफ ड्रेगन ट्रएंगल होगा तो दूसरी तरफ वारमुडा ट्राएंगल यानि दो एक जैसे इलाके एक दुसरे के ठीक विपरीत दिशा मैं |वैज्ञानिक इस में भी कुछ सम्बन्ध मानते है |उनेंह शक है कि यहाँ प्रथ्वी के ग्रुत्वाकर्शन का चक्कर हो सकता है | कुछ मानते है कि इस के निचे मिथाइल हाइड्रेड काफी मात्रा में मौजूद है जब यहाँ का तापमान १८ सेल्सियश से ऊपर चला जाता है तो एकाएक गैस में बदल जाता है जिस से समुद्र में हलचल होती है उसीके कारण ये दुर्घटनाएं होती हैं|
                अमरीकी खोजकर्ता चार्ल्स वर्लिथ ने अपनी किताब "ड्रेगन ट्राएंगल "में इन बातों का जिक्र किया है एक और वैज्ञानिक लैरी कुशे ने भी इस इलाके पर खोज कि उन्होंने दावा किया कि यहाँ अक्सर भूकम्प आते है ,ज्वालामुखी फटते है जिसमें जहाज फंस जाते है,पर जहाजों का मलवा कहाँ जाता है ,इसका कोई जवाब नही दे पाते |कुछ लोग इसे दूसरी दुनिया का दरवाजा मानते है ,कुछ इसे एलियंस का इलाका | वैज्ञानिक थ्योरी हो या मान्यताएं अब तक सिर्फ कयास लगाये जा रहे है कोई ठोस प्रमाण नही | 
                                                   || वन्दे -मातरम | |  

2 comments:

  1. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा , हिंदी ब्लॉग लेखन को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा आपका प्रयास सार्थक है. निश्चित रूप से आप हिंदी लेखन को नया आयाम देंगे.
    हिंदी ब्लॉग लेखको को संगठित करने व हिंदी को बढ़ावा देने के लिए "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की स्थापना की गयी है, आप हमारे ब्लॉग पर भी आयें. यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो "फालोवर" बनकर हमारा उत्साहवर्धन अवश्य करें. साथ ही अपने अमूल्य सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ, ताकि इस मंच को हम नयी दिशा दे सकें. धन्यवाद . हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे ....
    भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
    डंके की चोट पर

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  2. बहुत से ट्रैंगल समस्या बनाने के लिए हैं.
    वंदे मातरम

    हिन्दी ब्लॉगजगत के स्नेही परिवार में इस नये ब्लॉग का और आपका मैं ई-गुरु राजीव हार्दिक स्वागत करता हूँ.

    मेरी इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए. यह ब्लॉग प्रेरणादायी और लोकप्रिय बने.

    यदि कोई सहायता चाहिए तो खुलकर पूछें यहाँ सभी आपकी सहायता के लिए तैयार हैं.

    शुभकामनाएं !


    "अवध टाइम्स" - ( आओ सीखें ब्लॉग बनाना, सजाना और ब्लॉग से कमाना )

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