Wednesday, February 16, 2011

......... PAR NETAON KI TO MOUJ !

आम बजट से पूर्ब एक बार फिर महगाई पर खूब माथा पच्ची हो रही है | एक तरफ जहाँ इस को लेकर सरकार की किरकिरी हो रही है वही भ्रस्टाचार के मसले पर भी जनमानस में विद्रोह होता जा रहा है | ये नेता लोग महगाई , भ्रस्टाचार , काले -धन जैसी  समस्याओं पर सदन मै हो -हल्ला तो बहुत करते है पर कभी अपने खुद के गिरेवां में भी झाक करदेखते है कि हम भी कितने दूध  के धुले है | सियासी नफा नुकसान तो देखते है पर क्या कभी गरीब कीरोजी -रोटी के नफा -नुकसान का अंदाजा लगाते है| अभी से  कुछ एसा सुनाई दे रहा है कि सब्सिडी पर कुछ ध्यान दिया जाये | हाँ ........ ठीक| कहाँ ध्यान दोगे पता है गरीब कि भोजन कि थाली पर से सब्सिडी हटाओगे  और कर क्या सकते हो ? मै पूझता हु क्या इन नेताओ कि थाली से सब्सिडी कोई सरकार हटा सकती है ?
   महगाई के इस ज़माने मै क्या आप १२.५० रु. मै शाकाहारी थाली ,१.५० रु.एक कटोरी दाल औरएक रु. में एक रोटी मिलने कि कल्पना कर सकते है | नही न ... ........ ....पर संसद भवन कि कैंटीन में यह संभव है | यहाँ दसको से कीमत ऐसी ही है |ये सब एक गरीबी की रेखा से नीचे रहने बाले गरीब को ,(जो इन का वोट बैंक है)पता चल जाये तो वो वेचारा सुनते ही इस लोक  को छोड़ देगा |  
     ये जो नेता लोग इन सब मुद्दों पर धरना -प्रदर्शन करते है ,जल्लुस,बंद का आवाहन करते है |बाजार ,याता -यात बंद करते है | अपनी -अपनी रोटियां सेकते है ,मारा जाता है तो बिचारा आम इन्सान ,भूखे सोते है एक गरीब के बच्चे  , न जाने कितने दिन  मरी जाती है एक गरीब मजदूर की मजदूरी ?  पर ये नेता लोग तो मौज की खाते है इनको किसीकी कोई परवाह नही | ये ही नही इनके चाटुकार पत्रकार मित्र (जो इनको मुख्य पेज पर , ब्रेकिंग खबर पर रखते है ) भी इस सुभिधा का जमकर लाभ उठाते है | याद रखिये इन सब सस्ती चीजो के पीछे भारी सब्सिडी है |
  इन की थाली का ब्यौरा :-  दही-चावल - ११रु. ,वेज पुलाव -८रु. ,चिकिन बिरयानी -३४रु. ,फिश  करी चावल -१३रु. ,राजमा चावल -७रु., चिकन करी -२०रु. ,चिकन मसाला -२४.५०रु. ,बटर चिकन - २७रु. ,खीर (एक कटोरी )-५.५०रु. ,छोटा फ्रूट केक -९.५०रु. ,फ्रूट सलाद -७रु. |शाकाहारी थाली -१२.५०रु. ,मांसाहारी थाली -२२रु. |इन कीमतों की समीक्षा  वर्ष २००५ मे तेलगू देशम पार्टी के सांसद के. येरन नायडू की अध्यक्षता मे की गई |
                                                 ||वन्दे -मातरम ||      

No comments:

Post a Comment