Friday, December 31, 2010

TUMHARA ABHINANDAN HAI NAV VARSH

स्वागतम नव वर्ष
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                        दोस्तों , नमस्कार आओ जाते हुए इस महमान को हर्ष के साथ  विदा करें | जैसा भी था ये साल २०१० एक महमान ही तो था जो २००९ के बाद आया पूरे ३६५ दिन वो हमारे साथ रहा इस के साथ हमने अच्छा , बुरा  वक्त विताया , आज कुछ घंटो वाद ये विदा होजायेगा ,जैसा भी था इसे ख़ुशी-ख़ुशी विदा करते है और आने वाले महमान का स्वागत करते हैं |
           दोस्तों सन २०११ का अभिनन्दन एक वास्तविक मुस्कराहट के साथ करें ;एक एसी मुस्कुराहट जो भीतर से हो | हमारी डायरी स्म्रतियो से भरी हुई  है | बीते हुए समय से कुछ सीखें , कुछ भूलें और आगे की सुखदाई योजनाएं बनाये | पिछले साल जिनके साथ आपकी अनबन रही हो इस वर्ष  उनसे सुलहें करें , भूत को छोड़ कर नया जीवन शुरू करने का संकल्प करें |
           अपनी अलसाई आखों को खोल कर देखें कि इस धरा पर प्रकर्ति ने  हमें कितना कुछ दिया हैं |इस बात को भूलना होगा कि  हम  को बीते दिनों  क्या मिला ,क्या छूटा और आगे क्या मिलेगा ?
               आप जितने कृतज्ञ होंगें ; उतना ही अधिक आपको मिलेगा | इसके विपरीत  आप जितनी शिकायत करेंगें उतना ही आपसे वापस लेलिया जायेगा  हमारे देश कि संस्कर्ती कर्म-प्रधान है ,भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता मेंकहा है 
कि "कर्म करो फल कि चिंता  मत करो ,जैसे  कर्म करोगे ......................................
  ,बस हमें कर्म करना है ,वो ऐसा जिससे किसी का अहित न हो ,बाकि प्रभु इच्छा
पर |
           अपने पंख खोलें और सुन्दर , स्वच्छ ,निर्मल ,खुले आकाश मै उड़ें ,अपने विचारो को एक उड़ान दें ,कुछ समय उस परमात्मा को धन्यवाद देने का जरुर  निकालें जिसने ये अमूल्य जीवन दिया |
                     आओ दोस्तों ,इस नव वर्ष का स्वागत दिल से करें , खुशियाँ बांटें , खुशियाँ मनाएं , और परमपितापरमेश्वर  कि वंदना करें |
                                            " || वन्दे-मातरम ||"

Tuesday, December 21, 2010

SAN 2012......

२०१२ क्या खत्म हो जाएगी दुनिया ?
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दोस्तों आप सोच रहे होगे की आज मै किस विषय मै लिख रहा हूँ |दोस्तों बापू के विचार तो मै लिखता  ही रहूँगा पर कुछ बातें एसी होती है जो अपनी ओर ध्यान खीच लेती है |आज सुबह जब मैं दूध लेने जा रहाथा तो गाँव की चोपाल पर अलाव सेकते हुए कुछ लोग इस विषयपर  बात कर रहेथे ,कि २०१२ मे ये दुनिया ख़त्म हो जाएगी |
            क्या सच-मुच २१ दिसम्बर २०१२ मे दुनिया ख़त्म हो जाएगी ?पिछले कई सालो से जब भी दिसम्बर आता है ,हर तरफ हल्ला उठने लगता है कि २०१२ मे सब ख़त्म होजायेगा | कोई माया सभ्यता का उल्लेख कर रहा है क्योकि इस सभ्यता का कलेंडर २१ दिसम्बर के बाद है ही नही ,मायासभ्यता 
मे इस दिन को आखिरी दिन बतलाया गयाहै |पर ये उल्लेख कही नही है कि ये दिन दुनिया का आखरी दिन होगा |कुछ लोग नास्त्रेदमस कि  उलझी 
भविष्यवाणी पर दावा ताल ठोककर करते है कि उसकी कोई भी भविष्य वाणी  गलत साबित नही हुई है |
                             एक ब्रिटिश सोफ्ट वेयर बनाने वाले वैज्ञानिको का आंकलन है की ये दिन दुनिया का अंतिम दिन होगा क्यू कि इस दिन तक प्रथ्वी का   चुम्बकीय छेत्र पूरी तरह से बदल जायेगा | कुछ वैज्ञानिको ने आइन्स्टीन की  पोलर शिफ्ट थियोरी को आधार बना कर दावा किया है , इन के  हिसाब से एसा हर साडेसात लाख  साल बाद होता है और वो समय २०१२ मै पूरा हो रहा है परन्तु प्रथ्वी की उम्र कितनी हो चुकी है किसी को कुछ पता नहीं |
                              कुछ भू गर्भ वैज्ञानिक २०१२ को अमरिका के विशाल  येलोस्टोन ज्वालामुखी के फटने की भविष्य वाणी कर रहे है जो हर साड़े छ्ह   लाख साल बाद फटता है , क्या ये साल २०१२ को ही पूरे हो रहे है इसकी गाड़ना किसने की ?जब की प्रथ्वी की उत्पत्ति का समय ही पता ना हो .  कुछ लोग महा मशीन के महा प्रयोग जो २०१२ में किया जायेगा  उसकी वजह से  प्रथ्वी का अंत मान रहे है| 
                             जबकि कुछ पर्यावरणविद कह रहे है की ग्लोबल वार्मिंग   भी  इसका कारण हो सकता है लेकिन क्या ये सब  २०१२ तक हो जायेगा  ? 
                              आशावान भारतवासी अपने अर्वाचीन भविष्य वाणियो को  खोलते है तो वहा वर्णन कुछ और ही मिलता है ,ब्रह्मवैवर्त पुराण में उल्लेख  मिलता है  की भगवान श्री कृष्ण ने देवी गंगा को बताया था की कलियुग में एक सुनहरा युग ५ हजार साल बाद आयेगा जो १० हजार साल तक चलेगा | हिदू सभ्यता के अनुसार कलियुग ३१०२ बी.सी . से सुरु हुआ है और इसका काल ४,३२००० साल है इस तरह अभी केवल ५ हजार साल हुए है जो २०१२ में पूरे होंगे , इस हिसाब से तो सुनहरा युग सुरु होगा और ये वैज्ञानिक युग खत्म हो जाने की बात करते है|
                            इस्लाम धर्म में भी मोहम्मद शाब ने कयामत की पहचान के कुछ लक्षण बताये थे उन में से तो कुछ का तो दूर दूर तक अंदेशा ही नहीं है ,जैसे की अरब में इस्लाम का खात्मा हो जायेगा ,रोम अस्सी झंडो के साथ  सेना लेकर विश्व युद्ध का एलान कर दे | बाइबलमके अंतिम युद्ध के बारे में अवश्य लिखा है पर उसका प्रारम्भ २०१२ में ही हो ऐसा उल्लेख कहीं नहीं मिलता|
                          इस तरह जब हर आंकलन पर एक भ्रम है ,संसय है तब आप कैसे कह सकते है की २०१२ को ही दुनिया खत्म हो जाएगी ?
                                                       
                                                " वन्दे मातरम "     
                                           
             

Sunday, December 19, 2010

SABRMATI KA SANT

गांधीवाद
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                      दोस्तों ये शब्द आप ने नजाने कितनीबार सुना होगा ,इस शब्द की दुहाई देते भी मिले होंगे.पर अधिकतर लोग इस शब्द का अर्थ ही नहीं समझते ,क्या है गांधीवाद ? ये कोई धर्म नही ,कोई सम्प्रदाय नही .ये बापू कि विचारधारा है ये बापू के वो विचार थे जिनके कारण टैगौर उनको "महात्मा" कहते थे |उनके साथ जो भी जुड़ा उसने आपने आपको गाँधीवादी कहना शुरू करदिया |कांग्रेसियों ने तो इसे आपना धर्म ही बना लिया आज भी इस पार्टी के लोग इस शब्द  का  भर-पूर प्रयोग करते है ,परन्तु इन लोगो से बापू के विषय मै अगर कुछ पूछ लिया जाये तो ये बापू के दो-चार विचार भी नही बतला सकते |जब बापू को इस दुष्प्रचार का पता लगा तो उन्होंने कई बार इस विषय मै लिखा भी .....
                 " ""गांधीवाद" नाम की कोई वास्तु है ही नही ;और न मैं अपने पीछे कोई सम्प्रदाय छोड़ जाना चाहयता हूँ |मेरा यह दावा नहीं है की मैंने किसी नए सिद्धांतका अविष्कार किया है  |मैंने तो  जो शाश्वत सत्य है उनको अपने नित्य के जीवन और प्रतिदिन के प्रश्नों पर अपने ढंग से सिर्फ घटाने का ही प्रयतनकिया है |
                  अत: मनुस्म्रती के जैसी कोई स्मरति  यानि संहिता मेरे छोड़ जाने का सवाल ही नही है | उन महान विधि  निर्माता -स्मर्तिकार के और मेरे बीच कोई तुलना  हो ही नही सकती | जो मत मैंने कायम किये है और जिन निर्णयों पर मै पहुचा हूँ ; वे भी अंतिम नही है | हो सकता है , मै कल ही उन्हे बदल दूँ |मुझे दुनिया को कोई नई चीज नही सिखानी है |  सत्य और अहिंसा अनादी काल से चले आए है | मैंने तो यथाशक्ति विशाल से विशाल पैमाने पर इन दोनों से अपने जीवन मै प्रयोग भर किए है |एसा करते हुए कभी-कभी मैंने गलतिया भी की है और अपनी उन गलतियों से मैंने सिखा भी है | इस प्रकार जीवन और उसकी समस्याओं ने मेरे लिए सत्य और अहिंसा के पालन मै प्रयोगों का रूप ले लिया है |"
                                            शायद  अब आप समझ गये होंगे की गाँधीवाद क्या है |इन्ही विचारो को आत्मसात  करने वाले एक और शक्श थे जो निरापद गाँधीवादी थे वो थे "सीमांत गाँधी "|
                                                             साभार संकलित :-हरिजन सेवक ,२८ मार्च १९३६ |
                                         ||    वन्दे -मातरम् | | 

Thursday, December 9, 2010

SABRMATI KA SANT

भारत, पाकिस्तान और कश्मीर :-३
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नमस्कार दोस्तों,
                          हर तरफ विस्फोट ही विस्फोट ,वाराणसी हो या पेशावर ,बरवादी ही वरबादी,
आतंकियो का हमला ,कट्टरपंथी आतंकियो का ऐलान इस्लामकि दुहाई ,इस्लाम खतरे मै है
किससे खतरा ----? कोन दे रहा है इनको सहः? जिनकी बहुत पुरानी दुश्मनी हैहिंदुस्तान से सारा
जहाँ जनता है |वो नही पसंद करते हिन्दुतान की तरक्की यहाँ का अमनोचैन , दिखावेको इन आतंकवदियो से युद्ध| हमेशा कश्मीर को हथियाने कि कुचेष्टा,कश्मीर का हर विश्विस्तरिय 
मंच पर राग अलापना ,अरे कश्मीर क्या ये तो सारा हिंदुस्तान हथियाना चाहयते है | पड़ो बापू ने क्या लिखा था "दिल्ली-डायरी"मै :-प्रस्ट सं :-४३-४४
                  "अगर (हिंदुस्तान-और पाकिस्तान )के बीच लड़ाई छिड़ जाए ,तो पाकिस्तान के हिन्दू वहाँ पांचवी कतार वाले नही बन सकते | कोई भी इसे बरदाश्त नही करेगा | अगर वे पाकिस्तान के प्रति वफादार नहीं है, उनको पाकिस्तान छोड़ देना चाहिए |इसी तरहा जो मुसलमान पाकिस्तान के प्रति वफादार है , उन्हे हिन्दुस्तानी संघ मै नही रहना चाहिए | 
सरकार का फर्ज है कि वह हिन्दुओ और सिखों के लिये इंसाफ हासिल करे | --------------------------------मुस्लमान लोग यह कहते सुने जाते है कि "हंसके लिया पाकिस्तान लड़के लेंगे हिंदुस्तान |" ........कुछ मुस्लमान सारे  हिंदुस्तान को मुसलमान बनाने कि बात सोच रहे है
|यह काम लड़ाई के ज़रिए से कभी नही हो सकेगा |पाकिस्तान हिन्दू धरम को कभी बरवाद नही कर सकेगा |सिर्फ हिन्दू ही अपने आपको और अपने धर्म को बरवाद कर सकते है |इसी तरहा 
अगर पाकिस्तान बरवाद हुआ ,तो वह पाकिस्तान के मुसलमानों द्वारा ही बरवाद होगा ,  हिंदुस्तान के हिन्दुओ द्वारा नही |"  
                   देखा आपने बापू ने चेतावनी दि थी और यही सब देखने को मिलभी रहा है |हम तो झेल ही रहे है भुगतना पाकिस्तान को भी पड रहा है |अंत मै :
                      " मेरे आशियाने मै आग लगाने वाले ,हाथ तेरे भी झुलसे होंगे "
                                                           "वन्दे मातरम "                                  

       

Sunday, December 5, 2010

Sabarmti Ka Sant

भारत पाकिस्तान और कश्मीर -२
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दोस्तों आप सोच रहे होगे कि मै यह सब किसी महान लेखक कि पत्रिका से या बापू कि आत्मकथा से संकलित कर लिख रहा हूँ ,नहीं एसा नही है ,ये संकलन मेरे स्वर्गीय  पूज्य दादा जी का है | जो खुद भी एक स्वतंत्रतासेनानी थे उन्होंने बापू कि लेखनी से निकले लेख जो अलग - अलग पत्रिकाओ मै झपे ,उनकी कटिंग अपनी एक सादा सी कापी मै चुपका  लिये थे जो मेरे पास आज भी सुरखछित है | यहाँ पर लिख ने के दो कारण है एक तो सब के साथ इनको साझा करना और एक समयतक इनको  सुरखछित रखना | 
आज कल विकिलीक्स ने काफी हंगामा फैला रखका है , इस के एक सन्देश  मै जिक्र था कि भारत और पकिस्तान मै जंग होसकती थी | ये बात  कोई नयी  बात नही थी पहले भी ऐसे हालात कई बार बनचुके है| पर सोचने कि बात ये है कि इससे हासिल क्या होगा ? सिर्फ बर्वादी ,जान कि माल कि अपनी -अपनी सभ्यताओ कि धर्मो कि और मिलेगा क्या ? जग हसाई,मेरे दोस्तों चेतो जागो समझो इन गोरो कि चालों को पहेले भी हमें ये वांट चुके है और अब बरवाद कर ना चाहयते है |इनकी अब एक चाल है कि हिन्दुओ से कहदो कि मुसलमान तुम्हे बरवाद करदेंगे और मुसलमानों से कि हिन्दू तुम्हे | ये चाल इन्हे सूझी कंहासे .....इस के जवाबदार भी हम ही है , सुना है कि पाक के कुछ मुसलमान और भारत के कुछ हिन्दुओ कि हटधर्मिता से, जो अनर्गल प्रलाप करते रहते है |बापू ने इस विषय मै भी कुछ लिखा था :-
"हिंदुस्तान से हरेक मुसलमान को भगाने और पाकिस्तान से हरेक हिन्दू और सिख को भगाने का नतीजा यह होगा कि दोनों उपनिवेशों मै लड़ाई होगी और देश हमेशा के लिए बरवाद हो जाएगा | अगर दोनों उपनिवेशों में यह आत्मघाती नीती बरती गई , तो उससे पाकिस्तान और हिंदुस्तान दोनों में इस्लाम और हिन्दू धर्म का नाश हो जायेगा | भलाई सिर्फ भलाई से ही पैदा होती है प्यार से प्यार पैदा  होता है | जहाँ तक बदला लेने कि बात है , इन्सान को यही शोभा देता है कि वह बुराई करनेवाले को भगवान  के हाथ में छोड़ दे |"
                                                     "दिल्ली - डायरी ,प्रष्ट :-सं:-२८ से संकलित "
                                                       .................................................................... वन्देमातरम |